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रिच डैड पुअर डैड


रिच डैड पुअर डैड

रॉबर्ट टी. कियोसाकी

‘‘अमीरी की चोटी पर पहुँचने के लिए आपको रिच डैड, पुअर डैड पढ़ना ही चाहिए। इससे आपको बाज़ार की और पैसे की व्यावहारिक समझ मिलेगी, जिससे आपका आर्थिक भविष्य सुधर सकता है।’’- ज़िग ज़िग्लर
‘‘अगर आपको अंदर की बात जानना हो कि किस तरह अमीर बना जाए और बने रहा जाए तो यह पुस्तक पढ़ें ! अपने बच्चों को रिश्वत दें (पैसे की भी रिश्वत, अगर इसके बिना काम न चले) ताकि वे भी इसे पढ़ें।’’ – मार्क विक्टर हैन्सेन
‘‘रिच डैड, पुअर डैड पैसे पर लिखी गई कोई साधारण किताब नहीं है… यह पढ़ने में आसान है और इसके मुख्य सबक़–जैसे, अमीर बनने में एकाग्रता और हिम्मत की ज़रुरत होती है, बहुत ही आसान हैं।’’ –होनोलूलू मैग्ज़ीन
‘‘काश कि मैंने यह पुस्तक अपनी जवानी में पढ़ी होती ! या शायद इससे भी अच्छा यह होता कि यह पुस्तक मेरे माता-पिता ने पढ़ी होती ! यह तो इस तरह की पुस्तक है कि आप इसकी एक-एक कॉपी अपने हर बच्चे को देते हैं और कुछ कॉपी ख़रीदकर रख लेते हैं ताकि जब आपके नाती-पोते हों और वे 8 या 9 साल के हो जाएँ तो आप इसे उपहार में दे सकें।’’ – स्यू ब्रॉन
‘‘रिच डैड, पुअर डैड अमीरी का शॉर्टकट नहीं बताती। यह सिखाती है कि आप पैसे की समझ कैसे विकसित करें, किस तरह अपनी पैसे की ज़िम्मेदारी निभाएँ और इसके बाद किस तरह अमीर बनें। अगर आप अपनी आर्थिक प्रतिभा को जगाना चाहते हैं तो इसे ज़रूर पढ़ें।’’- डॉ. एड कोकेन
‘‘काश कि मैंने यह पुस्तक बीस साल पहले पढ़ी होती!’’ – लैरिसन क्लार्क, डायमंड की होम्स
‘‘जो भी आदमी भविष्य में अमीर बनना चाहता है, उसे अपनी शुरुआत रिच डैड, पुअर डैड से करना चाहिए।’’- यू.एस.ए. टुडे

માર્ચ 27, 2011 Posted by | हिंदी पुस्तकें | , | Leave a comment